LNG के आयात में आएगी कमी, IBA ने दिया CBG प्लांट के लिए ₹30 हजार करोड़ के निवेश का सुझाव
CBG Plant: IBA ने LNG के आयात में 1.2 करोड़ टन की कमी सुनिश्चित करने के लिए कम्प्रेस्ड बायोगैस (CBG) प्लांट्स को बायोमास आपूर्ति के लिए जरूरी मशीनरी और उपकरणों के लिए 30,000 करोड़ रुपये के निवेश की सिफारिश की है.
(Image- IBA)
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CBG Plant: भारतीय बायोगैस एसोसिएशन (IBA) ने लिक्विफाइड नेचुरल गैस (LNG) के आयात में 1.2 करोड़ टन की कमी सुनिश्चित करने के लिए कम्प्रेस्ड बायोगैस (CBG) प्लांट्स को बायोमास आपूर्ति के लिए जरूरी मशीनरी और उपकरणों के लिए 30,000 करोड़ रुपये के निवेश की सिफारिश की है. आईबीए के चेयरमैन गौरव केडिया ने कहा, धान के भूसे (Paddy Straw) जैसे कृषि अवशेषों को जलाने के बजाय इनका जैव ऊर्जा उत्पादन और मिट्टी संवर्धन के लिए उपयोग करने से दोहरा फायदा मिलता है क्योंकि यह मिट्टी के स्वास्थ्य को बढ़ाने के साथ-साथ रिन्यूएबल एनर्जी स्रोत प्रदान करता है. हालांकि, उन्होंने बताया कि खरीद में बाधाएं हैं, जैसे कि खराब आर्थिक स्थिति के कारण किसान खेतों में पुआल को तुरंत बेचने के बजाय जला देना पसंद करते हैं.
केडिया ने कहा कि भूसे का घनत्व कम होने के कारण इसके संग्रहण, भंडारण और परिवहन से जुड़ा खर्च बढ़ जाता है. लॉजिस्टिक्स में सुधार कोई व्यवहार्य समाधान नहीं है. जरूरी उपकरण अपनाने को प्रोत्साहित करने के लिए सरकारी हस्तक्षेप जरूरी है. इसके तहत कुशलतापूर्वक भूसे को इकट्ठा करने में सक्षम कंबाइन हार्वेस्टर को सब्सिडी (Subsidy) दी जा सकती है.
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फसल अवशेष प्रबंधन मशीनरी
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उन्होंने कहा कि बेलर और भंडारण इकाइयों के लिए अतिरिक्त समर्थन दक्ष परिवहन और भंडारण को संभव बनाएगा. उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को फसल अवशेष प्रबंधन मशीनरी की खरीद के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने, कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित करने, फसल अवशेष/धान के भूसे के लिए आपूर्ति श्रृंखला बनाने और फसल अवशेष प्रबंधन पर जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए परिचालन दिशानिर्देश भी जारी करने चाहिए.
इस सरप्लस बायोमास का अधिकांश भाग जला दिया जाता है क्योंकि किसानों के पास उचित कलेक्शन उपकरण और प्रेरणा का अभाव है. पहले चरण में, सरकार को बायोमास उत्पादन में सबसे बड़ी हिस्सेदारी वाले राज्यों को प्राथमिकता देनी चाहिए - पंजाब (10.6%), उत्तर प्रदेश (9.8%), गुजरात (9.3%), महाराष्ट्र (9.2%), मध्य प्रदेश (8.8%) और आंध्र प्रदेश (7 %).
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इन राज्यों में समस्या के समाधान के लिए 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की अनुमानित मशीनरी और उपकरणों की जरूरत होगी. इस निवेश से सरकार सीबीजी प्लांट्स के लिए सुचारू सब्सट्रेट आपूर्ति सुनिश्चित करने में सक्षम होगी, जिससे 170 हजार करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित होगा. उन्होंने कहा कि यह अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण होगा और सरकार को लगभग 12 MMTA LNG आयात की बचत करके हरित ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा. उन्होंने कहा कि हालांकि केंद्रीय बजट 2024 ने नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण बाधाएं अभी भी बनी हुई हैं.
02:56 PM IST